मुंबई। बुधवार को खत्म हुए मानसून सप्ताह के दौरान पहली बार औसत से ज्यादा बारिश हुई। अच्छी बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। उन्होंने खरीफ फसलों की बोआई तेज कर दी है। देश के कई हिस्सों में सूखे की आशंका भी कम हुई है।
मानसून की बरसात खेती और आर्थिक प्रगति के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। देश की 55 फीसद कृषि योग्य भूमि पर खेती बारिश पर आधारित है। रिश इसलिए भी जरूरी है क्योंकि अर्थव्यवस्था में कृषि उत्पादों का 15 फीसद योगदान है।
मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक बुधवार 10 जुलाई को खत्म हुए सप्ताह में 50 साल के औसत से 28 फीसद ज्यादा बारिश हुई। सोयाबीन और कपास की खेती वाले मध्य भारत के राज्यों में 38 फीसद ज्यादा बारिश दर्ज की गई।